नई दिल्ली, 24 सितंबर 2024: Supreme Court Ke Mukhya Nirnay
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल के दिनों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो देश के कानून और संविधान पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इन निर्णयों ने देश की न्याय व्यवस्था में एक नई दिशा प्रदान की है। इस लेख में हम आपको सुप्रीम कोर्ट के कुछ मुख्य फैसलों के बारे में बताएंगे जो हाल के दिनों में चर्चा में रहे हैं।
1. महिला आरक्षण विधेयक पर फैसला
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने महिला आरक्षण विधेयक पर फैसला सुनाया। यह विधेयक संसद में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने की बात करता है। कई वर्षों से यह मुद्दा चर्चा में रहा है, लेकिन इसे लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक को संवैधानिक रूप से वैध घोषित किया है। इस फैसले से देश में महिलाओं को राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। यह निर्णय महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
2. धारा 370 पर पुनर्विचार याचिका
धारा 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करती थी, को 2019 में निरस्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार के फैसले को सही ठहराया। इस फैसले से जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने की प्रक्रिया को संवैधानिक करार दिया गया। इस निर्णय ने देश में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव डाला है।
3. समलैंगिक विवाह पर निर्णय
भारत में समलैंगिक विवाह को लेकर लंबे समय से बहस चल रही थी। इस मुद्दे पर समाज में अलग-अलग राय हैं। सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि समान अधिकार सभी नागरिकों के लिए हैं, चाहे वे किसी भी यौनिक पहचान के हों। इस फैसले ने LGBTQ+ समुदाय को कानूनी और सामाजिक तौर पर एक मजबूत स्थिति प्रदान की है।
4. आधार कार्ड से निजता का हनन
आधार कार्ड से जुड़ी निजता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड का उपयोग केवल सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसे निजी कंपनियों के साथ साझा नहीं किया जा सकता। इस निर्णय ने देश में नागरिकों की निजता के अधिकार को और मजबूत किया है। साथ ही, इसे नागरिकों की संवैधानिक स्वतंत्रता के रूप में देखा गया है।
5. समान नागरिक संहिता पर सुझाव
समान नागरिक संहिता का मुद्दा लंबे समय से भारत की राजनीति में चर्चा का विषय रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस पर सरकार को सुझाव दिया है कि एक विशेष कमेटी बनाई जाए, जो इस पर अध्ययन करे और एक प्रस्ताव तैयार करे। कोर्ट का कहना है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की आवश्यकता है, ताकि सामाजिक और धार्मिक भेदभाव को कम किया जा सके।
6. पर्यावरण संरक्षण और निर्माण गतिविधियाँ
पर्यावरण सुरक्षा के मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए निर्माण गतिविधियों पर सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए। कई शहरों में प्रदूषण बढ़ने की वजह से कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण कार्यों के दौरान पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन हो। इससे पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
7. धार्मिक स्वतंत्रता और जबरन धर्मांतरण
जबरन धर्मांतरण का मुद्दा भी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। कोर्ट ने इस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को जबरन धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है और इसे किसी भी प्रकार से बाधित नहीं किया जाना चाहिए। यह फैसला धार्मिक स्वतंत्रता को और मजबूत करता है और सभी धर्मों के बीच समानता की भावना को प्रोत्साहित करता है।