हाल ही में केदारनाथ मंदिर को लेकर दो बड़े विवाद सामने आए हैं, जिनके केंद्र में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी हैं। पहले विवाद में, स्वामी जी ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण पर सवाल उठाए। इसके बाद, उन्होंने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोने की कथित चोरी की जांच की मांग की, जिससे मंदिर समिति ने उनकी नीयत पर सवाल उठाए।
सोने की चोरी का आरोप
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी का दावा है कि केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब हो गया है। उन्होंने मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए यह आरोप लगाया। उनके अनुसार, केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर लगे 125 करोड़ रुपये के सोने को पीतल में बदल दिया गया है। स्वामी जी का कहना है कि यह घोटाला भक्तों के साथ धोखा है और इसकी जांच होनी चाहिए।
मंदिर समिति का जवाब
मंदिर समिति ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया। समिति ने स्वामी जी के दावों को बिना प्रमाण के बताया और उन्हें चुनौती दी कि वे प्रमाण और तथ्य सामने लाएं। समिति के अनुसार, जून 2023 में मंदिर के मुख्य पुजारी संतोष त्रिवेदी ने सबसे पहले सोने की चोरी का आरोप लगाया था, लेकिन वे भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं दे पाए थे।
विवाद के कारण
यह विवाद तब और बढ़ गया जब स्वामी जी ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के निर्माण पर सवाल उठाया। स्वामी जी का कहना है कि धाम जहां होते हैं, वहीं रहते हैं और केदारनाथ धाम का निर्माण दिल्ली में करना शास्त्र विरुद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कदम से लोगों की आस्था में कमी आ सकती है।