Jagannath का रत्न भंडार:- 14 जुलाई 2024 को पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को 46 साल बाद खोला गया। इस प्रक्रिया के अंतर्गत भंडार के बाहरी हिस्से से कीमती सामानों को अस्थायी ठिकाने पर स्थानांतरित किया गया, जिसमें एक अलमारी और 12 संदूक शामिल थे। 18 जुलाई को आंतरिक हिस्से को खोलने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां कीमती ज्वेलरी को मंदिर के भीतर ही सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा।
रत्न भंडार की सामग्री
खजाने में सोने, चांदी और हीरे जड़ित आभूषण पाए गए हैं। रत्न भंडार के इन्वेंटरी का काम 1978 में पहली बार हुआ था, और इस बार विशेषज्ञ टीम द्वारा एक नई डिजिटल सूची तैयार की जाएगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वीडियोग्राफी के साथ संपन्न की गई।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
रत्न भंडार को खोलने की प्रक्रिया पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक चर्चाओं का विषय रही है। उड़ीसा में हाल ही में हुई सत्ता परिवर्तन के कारण बीजेपी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इससे पहले, बीजू जनता दल की सरकार के समय में इस प्रक्रिया में इच्छाशक्ति की कमी का आरोप लगाया गया था।
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धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व
जगन्नाथ भगवान का रत्न भंडार केवल उड़ीसा के लिए नहीं, बल्कि देशभर के भक्तों के लिए एक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक है। इसे लेकर भक्तों में गहरी जिज्ञासा बनी हुई है, और सभी की नजरें इस पर हैं कि अंत में इस खजाने में क्या छिपा है।
आगे की प्रक्रिया
18 जुलाई को रत्न भंडार में विशेषज्ञों की टीम द्वारा आंतरिक हिस्से का निरीक्षण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में सभी आवश्यक नियमों का पालन किया जाएगा, ताकि भक्तों के प्रति पारदर्शिता बनी रहे।