गुरु नानक जयंती 2024: गुरु नानक जयंती, जिसे गुरुपरब या प्रकाश पर्व भी कहा जाता है, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। वर्ष 2024 में यह पर्व 15 नवंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह दिन सिख और सिंधी समुदायों के लिए विशेष महत्व रखता है और इसे पूरे भारत में, खासकर पंजाब में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
गुरु नानक देव जी का जीवन
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था। वह एक धार्मिक सुधारक थे जिन्होंने समानता, धार्मिक सहिष्णुता, और मानवता के महत्व को बढ़ावा दिया। उन्होंने सिख धर्म की नींव रखी और लोगों को भगवान के प्रति भक्ति, मेहनत और सेवा का संदेश दिया। उनके द्वारा रचित 974 शबद सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित हैं।
तीन दिवसीय उत्सव
गुरु नानक जयंती का पर्व तीन दिनों तक चलता है। यह उत्सव अखंड पाठ से शुरू होता है, जिसमें 48 घंटे तक लगातार गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ होता है। इस पाठ का समापन गुरु नानक जयंती के दिन होता है। जयंती से एक दिन पहले नगर कीर्तन, एक भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। इसमें पंज प्यारे निसान साहिब को लेकर चलते हैं और भक्त भजन-कीर्तन गाते हुए जुलूस में भाग लेते हैं। इस दौरान सिख योद्धा गटका नामक मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हैं।
मुख्य दिन की गतिविधियां
गुरु नानक जयंती के दिन सुबह आसा-दी-वार का पाठ किया जाता है, जो एक विशेष प्रार्थना है। इस दिन लोग गुरुद्वारों में जाते हैं, वहां कीर्तन सुनते हैं और लंगर में सेवा करते हैं। लंगर सिख समुदाय की एक विशेष परंपरा है, जिसमें सभी जाति और धर्म के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। लंगर में खासतौर पर कड़ा प्रसाद बांटा जाता है, जो एक पवित्र मिठाई होती है।
महत्व और सीख
गुरु नानक जयंती का महत्व उनके उपदेशों और शिक्षाओं में है। उन्होंने यह सिखाया कि ईश्वर एक है और हम सभी को उसकी सेवा में जीवन समर्पित करना चाहिए। वह कर्म, धर्म और सेवा के महत्व पर जोर देते थे। उनके उपदेश आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं कि वे निस्वार्थ सेवा करें, दूसरों की मदद करें, और ईमानदारी से जीवन यापन करें【9†source】।
समारोही माहौल
गुरु नानक जयंती के दौरान हर गुरुद्वारा फूलों से सजा होता है और रात में दीपों से जगमगाते हुए बेहद खूबसूरत लगता है। इस अवसर पर गुरुद्वारों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं, जैसे राजमा चावल, मीठे चावल, और अमृतसरी कुलचा। सभी लोग मिलकर इस पवित्र दिन का आनंद लेते हैं और गुरु नानक देव जी के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं।
इस प्रकार, गुरु नानक जयंती सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रेरित करता है बल्कि समाज में एकता और सद्भाव का संदेश भी फैलाता है।