06 सितम्बर, 2024 09:16 पूर्वाह्न IST
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Toggleप्रस्तावित केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) को मंजूरी दे दी गई है, जिससे किसी भी बैंक या शाखा के माध्यम से पेंशन भुगतान की राष्ट्रीय केंद्रीकृत प्रणाली की अनुमति मिल जाएगी।
ईपीएस पेंशनभोगी 1 जनवरी, 2025 से भारत में किसी भी बैंक, शाखा या स्थान से अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
यह तब हुआ है जब केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री तथा ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के अध्यक्ष ने कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) क्या है?
सीपीपीएस एक राष्ट्रीय स्तर की केंद्रीकृत प्रणाली प्रदान करता है जो भारत में किसी भी बैंक या शाखा के माध्यम से पेंशन भुगतान की अनुमति देता है।
यह वर्तमान विकेन्द्रीकृत पेंशन संवितरण प्रणाली का स्थान लेगा, जहां प्रत्येक ईपीएफओ जोनल/क्षेत्रीय कार्यालय केवल तीन से चार बैंकों के साथ व्यक्तिगत व्यवस्था करता है।
सीपीपीएस के अगले चरण में आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) पर आसान स्विचिंग भी शामिल होगी।
केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) से किसे लाभ होगा?
अनुमान है कि सीपीपीएस से 78 लाख से अधिक ईपीएफओ ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा, तथा इससे विशेष रूप से उन सेवानिवृत्त लोगों को लाभ होगा जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर में स्थानांतरित हो जाते हैं।
पेंशनभोगियों को लाभ मिलने पर किसी भी प्रकार के सत्यापन के लिए शाखा में जाने की आवश्यकता नहीं होगी, तथा पेंशन जारी होने के तुरंत बाद ही उनके खाते में पेंशन जमा कर दी जाएगी।
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ईपीएफओ को यह भी उम्मीद है कि इस नई प्रणाली को अपनाने से पेंशन भुगतान के मामले में बड़ी लागत बचत होगी।
पेंशन के लिए कौन पात्र है?
कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए व्यक्तियों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा।
- ईपीएफओ का सदस्य होना चाहिए
- 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो
- 58 वर्ष की आयु तक पहुँच गया है
वे 50 वर्ष की आयु से कम दर पर ईपीएस निकाल सकते हैं, तथा पेंशन को दो वर्षों के लिए स्थगित भी कर सकते हैं (60 वर्ष की आयु तक) जिसके बाद उन्हें प्रत्येक वर्ष 4% की अतिरिक्त दर पर पेंशन मिलेगी।
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